Type of lightning arrester . Expulsion type, sphere gap, valve type lightning arrester. लाइटनिंग अरेस्टर के प्रकार हिंदी में।

Written By Akhilesh Patel

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lightning arrester

 Lightning arrester  एक ऐसा उपकरण  होता है जो sub – station  तथा हमारे घरों , इंडस्ट्रीज में लगे उपकरणों को lightning stroke के होने पर उससे उत्पन्न होने वाले  High voltage से रक्षा करता है ताकि उपकरण खराब या डैमेज न हो।


इस पोस्ट में हम Expulsion type arrester, valve type lightning arrester, sphere gap arrester, electrolyte type lightning arrester  की बनावट और कार्य सिद्धांत के बारे में जानेंगे ।

Table of Contents

Must read:-Lightning arrester का construction तथा कार्य सिद्धांत समझने के लिए यहाँ क्लिक करें। Basic knowledge of lightning arrester.

 

Type of lightning arrester for outdoor application

 

Expulsion type lightning arrester –


Construction

  • यह rod gap arrester का उन्नत रूप होता है क्योंकि इस arrester  को rod gap arrester में  कुछ परिवर्तन करके बनाया जाता है ।

  • इस arrester को protector tube भी कहते हैं। इस arrester  में 2 spark gap  होते हैं।  पहले gap को   rod gap arrester की तरह रखा जाता है तथा दूसरे Gap को दो Electrodes के मध्य रखा जाता है ।
Expulsion  type lightning arrester, lightning arrester


  • Arrester  का एक सिरा लाइन के साथ तथा दूसरा सिरा पहले electrode से जुड़ा रहता है।  Arrester के दूसरे electrode  को earth कर दिया जाता है । ताकि जो भी  High voltage उत्पन्न हो वह सीधे earth  में चला जाए ।

  • Arrester के दोनों इलेक्ट्रोड्स को एक  फाइबर ट्यूब के मध्य रखा जाता है ।

  • ऊपर वाले इलेक्ट्रोड को Rod gap से तथा नीचे वाले इलेक्ट्रोड को earth से कनेक्ट किया जाता है।

  • फाइबर ट्यूब का जो inner side होता है वह arc को बुझाने का काम करता है ।


Working:-


  • सामान्य अवस्था में इस Arrester  का resistance बहुत ज्यादा होता है जिसके कारण current , lower resistance का गुण रखने के कारण arrester से earth में नहीं जा पाती है ।

  • जैसे ही lightning stroke होता है तो लाइन का वोल्टेज सामान्य वोल्टेज से सैकड़ों गुना बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए वोल्टेज के कारण Lightning arrester का resistance वोल्टेज की तुलना में बहुत कम हो जाती है ।

  • जब हाई वोल्टेज  arrester में प्रवेश करता है तो  spark gap के मध्य उपस्थित air ionized होकर एक  conductor की तरह कार्य करने लगता है जिसके कारण voltage  spark gap से होते हुए इलेक्ट्रोड तक पहुंचता है।

  • इलेक्ट्रोड पर High voltage के कारण उष्मा उत्पन्न होती है जिसके कारण दोनों इलेक्टरोडो के मध्य का माध्यम ionized हो जाता है जिसके कारण दोनों इलेक्टरोडो के मध्य संपर्क स्थापित हो जाता है और current को flow होने के लिए एक रास्ता मिल जाता है जिसके द्वारा सम्पूर्ण  हाई वोल्टेज ग्राउंड में चली जाती है।

  • इलेक्ट्रोड्स के मध्य arc उत्पन्न  होने के कारण फाइबर ट्यूब की दीवारें वाष्पित होने लगती हैं , जिसकी वजह से एक गैस उत्पन्न होती है।

  • एक छोटे समय के लिए उत्पन्न गैस के द्वारा उच्च दाब उत्पन्न होता है ।

  • जब surge voltage समाप्त हो जाता है तब यह गैस उन ionized particale को अपने साथ लेकर  एक valve द्वारा बाहर निकल जाती है जिससे arc बुझाती है।


Advantages:-


  • यह Arrester अत्यधिक महंगा नहीं होता है ।

  • इसे आसानी से लगाया जा सकता है ।

  • यह arrester , rod gap arrester की अपेक्षा अधिक सुग्राही है और पावर आवृत्ति को धारा के साथ नहीं जाने देता है ।


Limitation:-


  • इस lightning arrester  को सीमित समय तक प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि प्रचालन के पश्चात फाइबर का कुछ ना कुछ भाग कम होता रहता है ।
  • इस प्रकार के Arrester को बंद स्थान पर प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रत्येक प्रचालन के पश्चात गैस उत्पन्न होती है।

Application
:-

  • इस arrester का उपयोग 33 kv से ऊपर के voltage के लिए किया जाता है।
  • Valve type lightning arrester:-

Also read:- DC machine में armature क्या होती है? संरचना ,कार्यविधि एवम् प्रकार जाने आसान शब्दों में।

Valve type lightning arrester:-Construction:-


  • Valve type arrester का उपयोग हाई वोल्टेज वाले स्थानों पर किया जाता है।

  • इस arrester में  दो spark gap होते हैं जो लाइन के सीरीज में होते हैं।

  • इस arrester  में linear resistance का एक सेट होता है जो spark gap के साथ श्रेणी में जुड़ा होता है ।
Valve type lightning arrester , lightning arrester

  • Linear resistance को अकार्बनिक यौगिकों ( जैसे कि थायराइड या मेट्रोसिल नामक ) पदार्थ से बनाया जाता है ।

  • Non – linear element तथा spark gap को पोर्सलीन से बने कंटेनर में रखा जाता है।


Working:-


  • सामान्य वोल्टेज के लिए इस arrester का रेजिस्टेंस बहुत अधिक होता है जिसके कारण current , low resistance पाथ को फॉलो करती है ।

  • सामान्य अवस्था में Normal voltage , spark gap  को पार नहीं कर पाती , परंतु high voltage  की अवस्था में series spark gap का  break down हो जाता है जिसके कारण current linear resistance  द्वारा सम्पर्कित हो जाती है।

  • High voltage के कारण linear resistance  , current को low resistance पाथ प्रदान करता है। जिसके कारण surge voltage बहुत जल्दी भू- सम्पर्कित हो जाती है ।

  • जब surge या transient voltage समाप्त हो जाता है तब linear resistance का प्रतिरोध normal voltage के लिए बहुत अधिक हो जाता है जिसके कारण धारा का प्रवाह रुक जाता है और current लाइन में बहने लगती है।


Advantage
:-


  • इसका प्रचलन समय बहुत कम होता है लगभग 1 सेकेंड से भी कम।

  • यह बहुत अधिक प्रभावी रक्षण प्रदान करता है। Limitation:-

  • नमी के कारण इसका प्रचलन बहुत प्रभावित हो सकता है , इसी वजह से इसके spark gap को पोर्सलिन के कंटेनर में रखा जाता है।

  • यह उस प्रकार के surge को रोकने में असफल होता है जिसकी steepness बहुत अधिक हो ।

Application:-


  • इसका उपयोग ट्रांसफार्मर तथा केबल की सुरक्षा के लिए किया जाता है।


Sphere gap lightning arrester:-


Construction
:-


  • इस arrester में 2 metal धातुओं के बीच air gap रखा जाता है जो एक इंसुलेशन का कार्य करता है। चित्र में arrester के एक सिरे को choke coil की मदद से transformer के एक phase के  साथ जोड़ा गया है। Transformer के तीनों पेज के लिए तीन sphere gap arrester को choke coil की मदद से लाइन से जोड़ा जाता है।
Sphere gap lightning arrester

  • Arrester के दूसरे सिरे को ground कर दिया जाता है ताकि सर्किट में उत्पन्न Transient और surge voltage ग्राउंड में चला जाए।


Working
:-


  • सामान्य वोल्टेज पर sphere gap arrester का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है जिसकी वजह से धारा low resistance पाथ को follow करती है और वह लाइन में ही बहती रहती है।

  • जैसे ही lightning stroke या आकाशी बिजली गिरती है तो उसकी वजह से voltage और frequency दोनों का मान सामान्य से बढ़ जाता है।

  • लाइन के सीरीज में जो choke coil लगी होती है वह पूर्णतः inductive होती है। जैसा कि हमे पहले से ही ज्ञात inductance, frequency के अनुक्रमानुपाती होता है।

                           XL F


  • जैसे ही lightning stroke  होता है तो frequency के मान में परिवर्तन के कारण circuit का inductance बढ़ जाता है जो अपने अंदर से current के बहने का विरोध करता है।

  • इस प्रकार inductance का मान अधिक होने के कारण current लाइन में न बहकर अब वह minimum resistance पाथ को फॉलो करता है और वह sphere gap arrester में बहने लगता है।

  • जब arrester  में करंट जाता है तो air gap का जो माध्यम होता है  वह ionized हो जाता है और arc उत्पन्न हो जाती है। जिसकी वजह से current को flow होने के लिए  एक रास्ता मिल जाता है और सम्पूर्ण faulty current earth में चला जाता है।

  • Transient या surge voltage के समाप्त हो जाने पर arc बुझ जाती है सर्किट break हो जाता है।

  • और इस प्रकार पुनः arrester का प्रतिरोध सामान्य वोल्टेज के लिए बहुत अधिक हो जाता है जिसके कारण करंट अब arrester में न बहकर  लाइन में बहता है।


Thyrite lightning arrester:-


  • थायराइड एक अकार्बनिक यौगिक पदार्थ होता है जिसकी प्रकृति सिरेमिक पदार्थ जैसी होती है। थायराइड मटेरियल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि voltage के बढ़ने पर इसका resistance घट जाता है तथा voltage के घटने पर इसका resistance बढ़ जाता है ।

                              R 1/V


  • Voltage  के दोगुना होने पर thyrite का प्रतिरोध इतना घट जाता है कि current का मान 12 . 6 गुना अधिक बढ़ जाता है ।

  • इस arrester  को thyrite से बनी disc को संयोजित करके बनाया जाता है ।

  • प्रत्येक Disc का व्यास 15 cm तथा चौड़ाई 10 cm होती है ।
Thyrite lightning arrester

  • Disc के  दोनों पक्षों पर स्प्रे गन द्वारा ग्रेफाइट छिड़क दिया जाता है ताकि निकटवर्ती पर परस्पर इलेक्ट्रिकल कांटेक्ट स्थापित हो सके।

  • इस पूरे arrangement को एक पोर्सलिन के कंटेनर में बंद कर दिया जाता है।

  • जब बादलों का charge  लाइन  पर पड़ता है तब इसमें हाई वोल्टेज के कारण रजिस्टेंस घट जाता है और हाई वोल्टेज की surge wave पृथ्वी में समा जाती है।

  • जैसे ही surge voltage समाप्त हो जाता है तो thyrite पुनः अपने मूल स्थिति में आ जाता है और हाई resistance धारण कर लेता है।

  • इस arrester  का उपयोग high voltage की surge के विरुद्ध protection के लिए किया जाता है ।

  • इसका ऑपरेशन समय बहुत ही कम होता है।



Electrolyte type lightning arrester:-


Construction
:-


  • इस प्रकार के arrester में aluminium की पतली पतली पत्तियों को एक के ऊपर एक व्यवस्थित कर बनाया जाता है और इन aluminium plate के ऊपर हाइड्रो oxide  की परत चढ़ी होती है।

  • Aluminium  की यह पूरी arrangement electrolyte में डूबी रहती है । इसलिए इस arrester  को electrotype lightning arrester कहते हैं ।

  • इस अरेस्टर का पहला सिरा लाइन से तथा दूसरा अर्थ से जुड़ा होता है।


Working
:-


  • इस arrester का एक विशेष गुण होता है कि जब वोल्टेज सामान्य होगा तो इस arrester का resistance हाई होगा , लेकिन सामान्य voltage से ऊपर की voltage के लिए इसका resistance बहुत कम हो जाता है ।

  • जैसे ही वोल्टेज का मान सामान्य वोल्टेज से अधिक होता है तो electrolyte rapture या puncture हो जाता है और faulty current स्वतंत्र होकर earth में flow होने लगती है ।

  • परंतु जब voltage का मान critical voltage से घटने लगता है तब oxide फिल्म का बनना पुनः प्रारंभ हो जाता है जो हाई resistance प्रदान करता है। परिणाम स्वरूप leakage current का flow रुकने लगता है ।

  • अंत में जब hydroxide film पूर्ण रुप से बन जाती है तब leakage current  का flow पूर्ण रूप से बंद हो जाता है ।

  • इस प्रकार लाइट electrolyte type lightning arrester हमारे उपकरणों को सुरक्षा प्रदान करता है।

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Akhilesh Patel

I am Akhilesh Patel and experienced blogger and the creative mind behind Electrical Gyan, an educational platform dedicated to simplifying complex technical concepts. With 3 years of blogging expertise, I specializes in sharing technical knowledge in a way that's easy to understand, making learning accessible to everyone. Passionate about empowering readers with practical insights, I combines deep expertise with a commitment to clarity, ensuring that every article educates and inspires.

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