Fuse क्या है और यह कैसे काम करता है? जानिए इसके प्रकार और फायदे- Electrical Gyan

Written By Akhilesh Patel

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fuse in hindi

Fuse एक सुरक्षा उपकरण (Safety Device) है, जिसका उपयोग विद्युत सर्किट (Electrical Circuit) को ओवरलोड (Overload) और शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) से बचाने के लिए किया जाता है। यह एक पतली धातु की तार (Metal Wire) या स्ट्रिप से बना होता है, जो अधिक करंट प्रवाह होने पर पिघल जाता है और सर्किट को खुला (Break) कर देता है, जिससे विद्युत आपूर्ति तुरंत बंद हो जाती है।

आज के इस पोस्ट में हम fuse के बारे जानेंगे की फ्यूज क्या होता है ?, फ्यूज किस प्रकार कार्य करता है और यह कितने प्रकार के होते हैं आदि और बहुत कुछ।

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What is Fuse in Hindi ? फ्यूज क्या होता है ?

जिस तरह सर्किट ब्रेकर fault की कंडीशन में सर्किट को अपने आप break करता है उसी प्रकार फ्यूज भी faulty कंडीशन में ( जैसे over-load ,short circuit ) circuit के सीरीज में संयोजित होकर इलेक्ट्रिकल equipment और electrical wire को ख़राब होने से बचता है।

Fuse सामान्यतः एक धातु का छोटा सा टुकड़ा होता है जो सर्किट के श्रेणी में संयोजित किया जाता है । जब सिस्टम में कही कोई फॉल्ट ( short circuit या over load ) आता है सर्किट में current ज्यादा बहने लगता है । जब इस करेंट का मान fuse के रेटिंग करेंट से ज्यादा हो जाता है तब fuse पिघल कर सर्किट को ब्रेक कर देता है । इस प्रकार fuse उच्च विद्युत धारा के विरुद्ध केबिलों तथा उपकरणों को खराब होने से बचाता है ।

परिभाषा

Fuse एक सुरक्षा उपकरण (Safety Device) है, जिसका उपयोग विद्युत सर्किट (Electrical Circuit) को ओवरलोड (Overload) और शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) से बचाने के लिए किया जाता है। यह एक पतली धातु की तार (Metal Wire) या स्ट्रिप से बना होता है, जो अधिक करंट प्रवाह होने पर पिघल जाता है और सर्किट को खुला (Break) कर देता है, जिससे विद्युत आपूर्ति तुरंत बंद हो जाती है।

फ्यूज का कार्य सिद्धांत (Working Principle of Fuse in Hindi)

फ्यूज एक सुरक्षा उपकरण (Protective Device) है, जो अत्यधिक करंट प्रवाह होने पर सर्किट को तोड़ देता है और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से बचाता है। इसका कार्य सिद्धांत हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट (Heating Effect of Current) पर आधारित है।

सामान्य स्थिति में फ्यूज

  • जब सर्किट में करंट निर्धारित सीमा (Rated Current) के भीतर रहता है, तो फ्यूज सामान्य रूप से कार्य करता है।
  • इस दौरान फ्यूज वायर (Fuse Wire) में कोई महत्वपूर्ण गर्मी उत्पन्न नहीं होती और विद्युत प्रवाह निर्बाध रूप से जारी रहता है।

ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में फ्यूज

  • जब करंट फ्यूज वायर की निर्धारित क्षमता (Current Rating) से अधिक हो जाता है, तो जूल का नियम (Joule’s Law) के अनुसार, फ्यूज तार अधिक गर्म होने लगता है।
  • यदि यह करंट बहुत अधिक समय तक बना रहता है, तो फ्यूज तार पिघल (Melt) जाता है और सर्किट को तोड़ देता है (Break the Circuit)
  • इससे विद्युत प्रवाह रुक जाता है और जुड़े हुए उपकरण ख़राब होने से बच जाते हैं।

जूल का नियम (Joule’s Law of Heating)

फ्यूज तार में उत्पन्न गर्मी का परिमाण जूल के नियम द्वारा दिया जाता है:

H = I2R t
जहाँ,
H = उत्पन्न गर्मी (Heat Generated)
I = प्रवाहित करंट (Current)
R = फ्यूज वायर का प्रतिरोध (Resistance)
t = समय (Time)
यदि करंट अधिक समय तक बढ़ा रहता है, तो गर्मी बढ़ती रहती है और अंततः फ्यूज पिघल जाता है, जिससे सर्किट खुल जाता है और विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाती है।

फ्यूज का निर्माण (Construction of Fuse in Hindi)

फ्यूज एक सरल लेकिन प्रभावी विद्युत सुरक्षा उपकरण है । फ्यूज निर्माण मुख्य रूप से तीन भागों से होता है ।

फ्यूज तत्व (Fuse Element)

  • यह फ्यूज का मुख्य भाग होता है, जो करंट के प्रवाह को नियंत्रित करता है।
  • जब करंट निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है, तो यह तत्व गर्म होकर पिघल जाता है और सर्किट को खोल देता है
  • सामग्री (Material):
    • चांदी (Silver)
    • तांबा (Copper)
    • टिन-लेड मिश्र धातु (Tin-Lead Alloy)
    • एल्यूमिनियम (Aluminium)

फ्यूज कैरियर या होल्डर (Fuse Carrier or Holder)

  • यह फ्यूज तत्व को पकड़ने और सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • सामग्री: उच्च-गुणवत्ता वाली इंसुलेटिंग सामग्री, जैसे कि सिरेमिक (Ceramic), ग्लास (Glass), प्लास्टिक (Plastic) या बेकलाइट (Bakelite)

फ्यूज बॉडी (Fuse Body)

  • फ्यूज बॉडी पूरी संरचना को पकड़कर सुरक्षित और इंसुलेटेड रखती है।
  • इसे आमतौर पर ग्लास, सिरेमिक या प्लास्टिक से बनाया जाता है।
  • ग्लास बॉडी कम वोल्टेज वाले फ्यूज में उपयोग होती है, जबकि सिरेमिक बॉडी हाई-वोल्टेज और हाई-करंट फ्यूज में पाई जाती है।

फ्यूज का निर्माण फ्यूज तत्व, फ्यूज कैरियर और फ्यूज बॉडी से मिलकर होता है। इसकी डिजाइन इस तरह से की जाती है कि यह ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया कर सके और सिस्टम को सुरक्षित रखे।

फ्यूज का महत्व (Importance of Fuse in Hindi)

इलेक्ट्रिकल फ्यूज विद्युत सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है, जो ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है ।

विद्युत सुरक्षा प्रदान करता है

फ्यूज ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट के कारण उत्पन्न अतिरिक्त करंट को नियंत्रित करता है। यदि करंट सीमा से अधिक हो जाता है, तो फ्यूज पिघलकर सर्किट को खोल देता है, जिससे उपकरण और वायरिंग सुरक्षित रहते हैं।

आग लगने से बचाव करता है

अधिक करंट प्रवाह होने पर तारों का तापमान बढ़ जाता है, जिससे आग लगने का खतरा होता है। फ्यूज तुरंत सर्किट को तोड़ देता है और इस प्रकार आग जैसी दुर्घटनाओं से बचाता है।

विद्युत उपकरणों की सुरक्षा

टीवी, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत उपकरणों को ओवरलोडिंग से बचाने के लिए फ्यूज का उपयोग किया जाता है।

बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करता है

फ्यूज एक नियंत्रक की तरह कार्य करता है और बिजली की आपूर्ति को सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सर्किट में निर्धारित सीमा से अधिक करंट न जाए।

शॉर्ट सर्किट से बचाव

जब इलेक्ट्रिकल वायरिंग में किसी भी कारण से शॉर्ट सर्किट होता है, तो फ्यूज सबसे पहले प्रतिक्रिया करता है और सर्किट को तोड़कर संभावित नुकसान को रोकता है।

फ्यूज के फायदे और नुकसान (Advantages & Disadvantages of Fuse in Hindi)

फ्यूज को सर्किट में लगाने के अपने कुछ लाभ भी है तो वही कुछ हानिया भी है जिसे निचे टेबल में दिया गया है।

क्र.सं.फायदे (Advantages)नुकसान (Disadvantages)
1.सरल और सस्ता – फ्यूज एक किफायती और सरल सुरक्षा उपकरण है।बार-बार बदलना पड़ता है – फ्यूज जल जाने के बाद इसे मैन्युअली बदलना पड़ता है।
2.तेजी से प्रतिक्रिया करता है – ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट पर तुरंत सर्किट तोड़ देता है।बार-बार ओपन सर्किट बना सकता है – अगर सर्किट में बार-बार ओवरलोड होता है तो बार-बार फ्यूज जल सकता है।
3.कम मेंटेनेंस की जरूरत – इसे नियमित रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती।सटीकता की कमी – कभी-कभी हल्के ओवरलोड पर भी फ्यूज जल जाता है।
4.छोटे और बड़े सिस्टम में उपयोगी – घरों, कारखानों, और हाई-वोल्टेज ग्रिड में उपयोग होता है।रिस्टोरेशन में समय लगता है – जब फ्यूज जल जाता है, तो उसे बदलने में समय लगता है।
5.आग और शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा – विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता है।रिसेट नहीं किया जा सकता – एक बार फ्यूज जल जाने के बाद इसे दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता, जबकि सर्किट ब्रेकर को रीसेट किया जा सकता है।

फ्यूज के प्रकार (Types of Electrical Fuse in Hindi)

फ़्यूज़ कई तरह के होते हैं, जो अलग अलग परिपथ और उपकरणों के लिए अलग अलग उपयोग किये जाते है। नीचे टेबल में कुछ महत्वपूर्ण फ्यूज दिए गए हैं।

क्र.सं.फ्यूज का प्रकारविवरण (Description)उदाहरण (Example Use)
1️⃣AC फ्यूज (AC Fuse)एसी करंट वाले सर्किट में उपयोग किया जाता है।घरों और उद्योगों में बिजली सप्लाई के लिए।
2️⃣DC फ्यूज (DC Fuse)डीसी वोल्टेज वाले सर्किट के लिए डिज़ाइन किया गया है।बैटरियों, इलेक्ट्रिक वाहनों, और सौर ऊर्जा प्रणालियों में।
3️⃣कार्ट्रिज फ्यूज (Cartridge Fuse)सिलेंडर के आकार का फ्यूज जो उच्च वोल्टेज और करंट के लिए उपयुक्त होता है।घरेलू और औद्योगिक बिजली पैनलों में।
4️⃣रीवायरेबल फ्यूज (Rewireable Fuse)इसमें फ्यूज वायर को बदला जा सकता है, जिससे इसे बार-बार उपयोग किया जा सकता है।पुराने घरों और छोटे बिजली सिस्टम में।
5️⃣ड्रॉप आउट फ्यूज (Drop Out Fuse)ओवरलोड होने पर यह फ्यूज स्वचालित रूप से गिर जाता है और सर्किट को तोड़ देता है।ट्रांसफार्मर और हाई-वोल्टेज सिस्टम में।
6️⃣HRC फ्यूज (High Rupturing Capacity Fuse)यह हाई-वोल्टेज और हाई-करंट सिस्टम में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।इंडस्ट्रियल पावर ग्रिड और बड़े संयंत्रों में।
7️⃣टीथरमल फ्यूज (Thermal Fuse)तापमान बढ़ने पर यह फ्यूज सक्रिय होकर सर्किट को बंद कर देता है।हीटर, आयरन, और अन्य गर्मी उत्पादक उपकरणों में।
8️⃣ऑटोमोटिव फ्यूज (Automotive Fuse)वाहनों में इस्तेमाल किया जाने वाला फ्यूज, जो इलेक्ट्रिकल फॉल्ट से सुरक्षा देता है।कार, बाइक और ट्रकों में।
9️⃣स्ट्रिप फ्यूज (Strip Fuse)हेवी ड्यूटी इलेक्ट्रिकल सिस्टम के लिए उपयोग किया जाता है।औद्योगिक मशीनरी और बड़े पावर सिस्टम में।
🔟एसएमडी फ्यूज (SMD Fuse – Surface Mount Device Fuse)बहुत छोटे आकार का फ्यूज, जो सर्किट बोर्ड पर प्रत्यक्ष रूप से लगाया जाता है।मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में।

निष्कर्ष (Conclusion)

Fuse एक महत्वपूर्ण विद्युत सुरक्षा उपकरण है, जो ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से बचाव करता है। अधिक करंट प्रवाह होने पर इसका फ्यूज वायर पिघलकर सर्किट को तोड़ देता है, जिससे उपकरण सुरक्षित रहते हैं। यह सरल, किफायती और तेज़ी से प्रतिक्रिया करने वाला डिवाइस है, लेकिन इसे जलने के बाद बदलना पड़ता है।

हालांकि, सर्किट ब्रेकर एक बेहतर विकल्प बनता जा रहा है, लेकिन फ्यूज अभी भी कई विद्युत प्रणालियों में एक भरोसेमंद और प्रभावी सुरक्षा समाधान बना हुआ है।

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Akhilesh Patel

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